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म्यूचुअल फंड के नुकसान: निवेश से पहले जान लें ये अहम बातें

म्यूचुअल फंड के नुकसान: निवेश से पहले जान लें ये अहम बातें
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म्यूचुअल फंड के नुकसान: निवेश से पहले जान लें ये अहम बातें

नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड को आमतौर पर एक सुविधाजनक और समझदार निवेश विकल्प माना जाता है। इसकी टैगलाइन “Mutual Funds Sahi Hai” ने इसे देशभर में लोकप्रिय बना दिया है। लेकिन क्या वाकई म्यूचुअल फंड हमेशा सही होते हैं? विशेषज्ञों की मानें तो म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले निवेशकों को इससे जुड़ी संभावित जोखिमों और नुकसान को भी गंभीरता से समझना चाहिए।

इस लेख में हम म्यूचुअल फंड से जुड़े प्रमुख नुकसान, उनके कारण और उनसे बचने के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

1. बाजार जोखिम (Market Risk)

म्यूचुअल फंड शेयर बाजार से जुड़े होते हैं, इसलिए यह बाजार की उतार-चढ़ाव से सीधे प्रभावित होते हैं। अगर शेयर बाजार में गिरावट आती है, तो फंड की नेट एसेट वैल्यू (NAV) घट जाती है, जिससे निवेशकों को घाटा हो सकता है।

उदाहरण: अगर आपने इक्विटी म्यूचुअल फंड में ₹1 लाख का निवेश किया है और बाजार 10% गिरता है, तो आपके फंड की वैल्यू ₹90,000 तक गिर सकती है।

2. लंबी अवधि की अनिश्चितता

हालांकि म्यूचुअल फंड को लंबे समय के लिए अच्छा निवेश विकल्प माना जाता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर फंड लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न दे। अगर फंड का मैनेजमेंट अच्छा नहीं है या सेक्टर परफॉर्म नहीं करता, तो कई सालों बाद भी निवेशक को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता।

3. उच्च एक्सपेंस रेशियो (High Expense Ratio)

म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से फंड मैनेजमेंट फीस के रूप में एक्सपेंस रेशियो लेती हैं। यह फीस फंड के कुल रिटर्न को प्रभावित करती है। कुछ फंड्स में यह 2-2.5% तक हो सकता है, जो लंबे समय में निवेशकों के रिटर्न को कम कर सकता है।

4. लॉक-इन पीरियड की बाध्यता

कुछ म्यूचुअल फंड्स जैसे ELSS (Equity Linked Saving Scheme) में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इस दौरान आप निवेश को निकाल नहीं सकते, चाहे बाजार गिरे या आपकी जरूरत हो।

⚠️ जरूरी नहीं कि लॉक-इन के बाद ही फायदा हो; कई बार लॉक-इन खत्म होते ही बाजार में गिरावट आ जाती है।

5. फंड मैनेजर पर निर्भरता

म्यूचुअल फंड की सफलता काफी हद तक उसके फंड मैनेजर की रणनीति और अनुभव पर निर्भर होती है। अगर फंड मैनेजर की निर्णय क्षमता कमजोर हो या वह बार-बार बदले जाएं, तो फंड का प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।

6. पारदर्शिता की कमी

कई बार निवेशकों को यह स्पष्ट जानकारी नहीं होती कि उनका पैसा किस-किस कंपनियों में लगाया गया है। हालांकि मंथली फैक्टशीट्स दी जाती हैं, परंतु आम निवेशकों को उसका विश्लेषण करना मुश्किल होता है। इससे पारदर्शिता की कमी मानी जा सकती है।

7. गारंटीड रिटर्न की गैर-मौजूदगी

बाजार में बहुत से निवेशक सोचते हैं कि म्यूचुअल फंड एक स्थिर और सुरक्षित निवेश है, लेकिन इसमें गारंटीड रिटर्न नहीं होता। कई बार निवेशकों को अपने मूलधन पर भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

8. निवेशक की मानसिक स्थिति पर असर

निवेश में नुकसान होने पर आमतौर पर निवेशक घबरा जाते हैं और नुकसान में ही पैसा निकाल लेते हैं, जिससे असल में भारी हानि हो जाती है। म्यूचुअल फंड में धैर्य और समझदारी बहुत जरूरी है, जो हर निवेशक में नहीं होती।

कैसे बचें इन नुकसानों से?

  1. जानकारी के साथ निवेश करें: बिना पूरी जानकारी के निवेश करना नुकसानदायक हो सकता है।
  2. लक्ष्य निर्धारित करें: अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए फंड चुनें।
  3. फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें: सही सलाह आपको सही निर्णय लेने में मदद करती है।
  4. रिव्यू करते रहें: हर 6 महीने या साल में अपने फंड की समीक्षा करें।

म्यूचुअल फंड एक शानदार निवेश विकल्प हो सकता है, लेकिन यह जोखिम रहित नहीं है। इससे होने वाले नुकसान से बचने के लिए जरूरी है कि निवेशक सतर्क, जागरूक और योजनाबद्ध तरीके से निवेश करें। याद रखें – निवेश जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है उसकी सही समझ और जोखिम प्रबंधन।

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