---Advertisement---

Maiya Samman Yojana: 10 हजार से अधिक युवतियां हेमंत सोरेन की योजना से वंचित! जानिए वजह

Maiya Samman Yojana: 10 हजार से अधिक युवतियां हेमंत सोरेन की योजना से वंचित! जानिए वजह
---Advertisement---

Maiya Samman Yojana: झारखंड की हजारों युवतियां हेमंत सोरेन की 2500 रुपये की सौगात से वंचित, पोर्टल की खामी बनी रोड़ा

रांची/पलामू: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (Maiya Samman Yojana) फिलहाल हजारों युवतियों के लिए उम्मीद से ज्यादा एक असमंजस का कारण बन गई है। हेमंत सोरेन की इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने ₹2,500 की आर्थिक सहायता दी जा रही है, लेकिन पलामू जिले की 10 हजार से अधिक 18 वर्ष की युवतियां आज भी इस सौगात से वंचित हैं।

योजनाओं की घोषणा जितनी तेजी से होती है, उनका कार्यान्वयन उतना ही धीमा और तकनीकी अड़चनों से ग्रसित नजर आता है।

1 जनवरी को 10 हजार से अधिक युवतियां हुईं बालिग, लेकिन नहीं हुआ पंजीकरण

1 जनवरी 2025 को पलामू जिले में 10,000 से अधिक युवतियां 18 वर्ष की आयु में प्रवेश कर चुकी हैं, जिससे वे इस योजना के लिए पात्र हो गईं। लेकिन तकनीकी खामियों और प्रशासनिक अड़चनों की वजह से उनका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अब तक नहीं हो पाया है।

इन युवतियों का कहना है कि छह महीनों से अंचल कार्यालय का चक्कर काटने के बावजूद उन्हें केवल यह जवाब मिलता है कि “पोर्टल में एंट्री का विकल्प नहीं है।

Maiya Samman Yojana: 10 हजार से अधिक युवतियां हेमंत सोरेन की योजना से वंचित! जानिए वजह

पोर्टल की तकनीकी खामी और प्रज्ञा केंद्र से करार समाप्त होना बनी समस्या की जड़

योजना की शुरुआत जुलाई 2024 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से की थी। शुरुआत में प्रज्ञा केंद्रों के जरिये लाभुकों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो रहा था, लेकिन दिसंबर 2024 में पोर्टल में आई गड़बड़ियों और अनियमितताओं के चलते महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने प्रज्ञा केंद्रों के साथ करार समाप्त कर दिया।

इसके बाद सरकार ने नया पोर्टल लॉन्च किया, जिसकी जिम्मेदारी अंचल कार्यालय व बीडीओ कार्यालय को दी गई। लेकिन दुर्भाग्यवश, पोर्टल में आज तक सुधार नहीं हुआ और इसका सीधा असर योग्य लाभार्थियों पर पड़ा।

अधिकारी बोले – “पोर्टल चालू होते ही होंगे रजिस्ट्रेशन शुरू”

जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक विक्रम आनंद के अनुसार –

“मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के पोर्टल में इंट्री का विकल्प नहीं है, इसलिए नए आवेदनों की प्रोसेसिंग संभव नहीं हो रही है। जैसे ही पोर्टल अपडेट होगा, सभी लंबित आवेदनों की एंट्री शुरू कर दी जाएगी।”

वर्तमान में 3.49 लाख महिलाएं उठा रहीं योजना का लाभ

पलामू जिले में अभी 18 से 50 वर्ष की आयु वर्ग की कुल 3,49,080 महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही हैं। इन्हें हर महीने ₹2,500 की राशि डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में सीधे भेजी जा रही है।

प्रशासनिक सुस्ती से बर्बाद हो रही हज़ारों युवतियों की उम्मीदें

जहां सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर महीने करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं तकनीकी खामियां और प्रशासनिक समन्वय की कमी से हजारों युवतियां योजना का लाभ लेने से वंचित रह जा रही हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते पोर्टल की खामियों को दूर नहीं किया गया, तो यह योजना राजनीतिक रूप से भी सरकार के लिए एक चुनौती बन सकती है।

डिजिटल इंडिया की राह में तकनीकी रुकावटें, समाधान की जरूरत

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना झारखंड की महिलाओं के लिए एक प्रभावशाली सामाजिक सुरक्षा पहल है, लेकिन इसके क्रियान्वयन में सामने आ रही तकनीकी बाधाएं और प्रशासनिक निष्क्रियता इसे कमजोर बना रही हैं। जरूरत है कि राज्य सरकार इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करे और पोर्टल को सुचारु रूप से चालू कर हजारों पात्र युवतियों को उनका वाजिब हक दिलाए।

लेटेस्ट झारखंड न्यूज़ और योजनाओं की अपडेट के लिए जुड़े रहें।

Also Read: 

Maiya Samman Yojana: 10 हजार से अधिक युवतियां हेमंत सोरेन की योजना से वंचित! जानिए वजह

Join WhatsApp

Join Now

---Advertisement---

Leave a Comment