कक्षा 6 के 47% बच्चों को नहीं आते पहाड़े: PARAKH रिपोर्ट में भारत की शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

कक्षा 6 के 47% बच्चों को नहीं आते पहाड़े: PARAKH रिपोर्ट में भारत की शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

कक्षा 6 के 47% बच्चों को नहीं आते पहाड़े: PARAKH रिपोर्ट में भारत की शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

भारत की शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है। शिक्षा मंत्रालय की PARAKH रिपोर्ट के अनुसार, कक्षा 6 के 47% बच्चों को 10 तक के पहाड़े नहीं आते, जबकि कक्षा 3 के 45% बच्चे 1 से 100 तक की गिनती तक नहीं जानते। यह रिपोर्ट बताती है कि देश में प्राथमिक शिक्षा का स्तर अब भी बेहद चिंताजनक है, खासकर कोरोना महामारी के बाद।

PARAKH रिपोर्ट क्या है?

PARAKH (Performance Assessment, Review and Analysis of Knowledge for Holistic Development) शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक नेशनल असेसमेंट फ्रेमवर्क है, जिसका उद्देश्य देशभर के स्कूली छात्रों की शैक्षणिक दक्षता को मापना है। 2024 में जारी यह रिपोर्ट सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों में छात्रों के लर्निंग आउटकम्स को दिखाती है।

कक्षा 3 और कक्षा 6 में गणित ज्ञान की स्थिति बेहद खराब

कक्षा 3 के बच्चों की गणना क्षमता

  • केवल 55% बच्चे ही 1 से 100 तक की गिनती जानते हैं।
  • 45% बच्चे बढ़ते या घटते क्रम में संख्याओं को नहीं सजा पाए।
  • 42% बच्चे दो अंकों की संख्या का जोड़-घटाना नहीं कर सके।

कक्षा 6 में बच्चों की गणितीय समझ

  • केवल 53% बच्चे 10 तक के पहाड़े जानते हैं।
  • 47% बच्चे जोड़, घटाना, गुणा और भाग जैसे बेसिक अर्थमेटिक ऑपरेशन्स भी ठीक से नहीं कर पा रहे।
  • 10 तक की संख्या के मल्टिप्लिकेशन कॉन्सेप्ट भी अधिकांश छात्रों को स्पष्ट नहीं हैं।

गणित: सबसे कमजोर विषय बना

PARAKH रिपोर्ट के मुताबिक कक्षा 6 में छात्रों का प्रदर्शन विभिन्न विषयों में:

विषयऔसत स्कोर (%)
गणित46%
भाषा57%
पर्यावरण/समाज49%

गणित सबसे कमजोर विषय के रूप में सामने आया है, जो कि भारत में STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) एजुकेशन को लेकर चिंताओं को बढ़ाता है।

सरकारी स्कूलों में और भी बुरी स्थिति

रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय सरकारी स्कूलों में भी कक्षा 3 और कक्षा 6 के छात्रों का परफॉर्मेंस गणित विषय में सबसे कमजोर रहा। यह दर्शाता है कि केवल निजी स्कूल ही नहीं, सरकारी संस्थान भी इस चुनौती से जूझ रहे हैं।

कोरोना काल से भी नीचे गिरा बेसिक एजुकेशन का स्तर

2020 के कोविड लॉकडाउन के बाद देशभर में स्कूलों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हुई थी। लेकिन PARAKH रिपोर्ट दिखाती है कि बेसिक लर्निंग स्किल्स उस दौर से भी नीचे गिर गई हैं। छात्रों की बेसिक गणित ज्ञान, भाषा समझ और तार्किक क्षमता में भारी गिरावट आई है।

इस गिरावट के कारण क्या हैं?

  • कोविड काल में सीखने का नुकसान (Learning Loss)
  • ग्रामीण इलाकों में डिजिटल गैप और संसाधनों की कमी
  • शिक्षकों की प्रशिक्षण की गुणवत्ता में अंतर
  • पारिवारिक सहयोग की कमी व घरेलू पढ़ाई का अभाव

समाधान क्या हो सकता है?

  • बेसिक गणित और भाषा स्किल्स पर विशेष ध्यान देने वाले ब्रिज कोर्स
  • शिक्षकों के लिए अभ्यासात्मक प्रशिक्षण (Experiential Training)
  • छात्रों के लिए नियमित असेसमेंट और रेमेडियल क्लासेस
  • सरकारी और निजी स्कूलों के बीच शिक्षा गुणवत्ता में समानता लाने के प्रयास

निष्कर्ष: शिक्षा की नींव मजबूत करना अब समय की मांग है

कक्षा 6 के 47% बच्चों को नहीं आते पहाड़े और कक्षा 3 के बच्चों को 100 तक की गिनती नहीं आना इस बात का संकेत है कि भारत की शिक्षा व्यवस्था को जड़ से सुधारने की जरूरत है। PARAKH रिपोर्ट सिर्फ आंकड़े नहीं बताती, बल्कि यह चेतावनी देती है कि अगर आज ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य की पीढ़ी कमजोर नींव पर खड़ी होगी।

अब समय है कि स्कूल, सरकार और समाज मिलकर इस गिरते शैक्षणिक स्तर को उठाने के लिए एकजुट हों।

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