बैंक खाते में जमा पैसों को Savings Current और Deposits में कैसे विभाजित करें? जानिए एक्सपर्ट की राय
बैंक खाते में जमा पैसों को Savings, Current और Deposits में कैसे करें बुद्धिमानी से विभाजन? जानिए एक्सपर्ट की राय
नई दिल्ली। जैसे-जैसे देश डिजिटल बैंकिंग की ओर बढ़ रहा है, आम लोगों की वित्तीय समझ भी परिपक्व होती जा रही है। लेकिन आज भी अधिकांश लोग बैंक खाते में जमा पैसों का सही तरीके से विभाजन नहीं करते। यही वजह है कि अचानक जरूरत के समय नकदी की कमी, बिना मतलब के चार्जेस और कम रिटर्न जैसी समस्याएं सामने आती हैं।
ऐसे में सवाल उठता है: “अपने बैंक पैसों को सेविंग्स, करंट और डिपॉजिट खातों में कैसे विभाजित करें ताकि न केवल पैसे सुरक्षित रहें, बल्कि उस पर बेहतर ब्याज भी मिले और लिक्विडिटी भी बनी रहे?”
आज हम इस लेख में इसी अहम विषय पर विशेषज्ञों की सलाह और समझदारी भरा मार्गदर्शन प्रस्तुत कर रहे हैं।
सबसे पहले जानिए: तीनों खातों में क्या फर्क है?
1. सेविंग्स अकाउंट (Savings Account):
यह वो खाता होता है जिसमें आप अपनी सैलरी, आमदनी या अन्य पैसे जमा करते हैं। इस खाते पर आमतौर पर 2.5% से 4% तक ब्याज मिलता है। इसमें सीमित ट्रांजेक्शन होते हैं लेकिन पैसे तुरंत निकालने की सुविधा रहती है।
2. करंट अकाउंट (Current Account):
बिजनेस पर्सन्स और ट्रेडर्स के लिए उपयोगी, यह खाता असीमित ट्रांजेक्शन की सुविधा देता है। इसमें ब्याज नहीं मिलता, लेकिन यह हाई वॉल्यूम मनी मूवमेंट के लिए उपयुक्त होता है।
3. डिपॉजिट अकाउंट्स (Deposits):
FD (Fixed Deposit) और RD (Recurring Deposit) जैसे खातों में पैसे एक निश्चित अवधि के लिए जमा किए जाते हैं। यह सेविंग्स अकाउंट से कहीं अधिक ब्याज (5.5% से 8% तक) देता है।
अब जानिए पैसे को कैसे विभाजित करें — 70:20:10 फॉर्मूला
वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार एक आदर्श फॉर्मूला है:
- 70% – सेविंग्स अकाउंट में
ताकि नियमित खर्च, EMI, बिजली-पानी के बिल, शॉपिंग, UPI ट्रांजेक्शन, मोबाइल रिचार्ज जैसे रोज़मर्रा के काम आसानी से किए जा सकें। - 20% – डिपॉजिट्स में (FD या RD)
यह हिस्सा दीर्घकालिक बचत या इमरजेंसी फंड के तौर पर सुरक्षित रखना चाहिए। इससे बेहतर ब्याज मिलेगा और भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार रहेंगे। - 10% – करंट अकाउंट (यदि आप व्यवसाय करते हैं)
बिजनेस से संबंधित ट्रांजेक्शन, इनवॉइस पेमेंट्स, सप्लायर्स को भुगतान आदि के लिए यह हिस्सा उपयुक्त होता है।
नोट: यदि आप कोई व्यवसाय नहीं करते तो यह 10% भी आप FD या सेविंग्स में समायोजित कर सकते हैं।
सेविंग्स और डिपॉजिट्स में संतुलन क्यों जरूरी है?
अक्सर लोग या तो ज्यादा पैसा सेविंग्स में रख छोड़ते हैं (जहां ब्याज कम मिलता है) या सारा पैसा FD में डाल देते हैं (जहां लिक्विडिटी कम होती है)। यह रणनीति नुकसानदायक हो सकती है।
- सेविंग्स में बहुत ज्यादा रकम: ब्याज कम मिलेगा, महंगाई दर को मात नहीं दे पाएंगे।
- FD में बहुत पैसा: जरूरत के समय तोड़ना पड़ेगा, जिससे ब्याज में कटौती हो सकती है।
इसलिए दोनों के बीच संतुलन बेहद जरूरी है।
इमरजेंसी फंड और गोल आधारित डिपॉजिट प्लान बनाएं
- इमरजेंसी फंड: अपनी 3 से 6 महीने की जरूरतों के बराबर रकम FD में या हाई इंटरेस्ट सेविंग्स में रखें।
- लक्ष्य आधारित निवेश: बच्चों की शिक्षा, शादी, या घर खरीदने के लिए RD या FD करें।
एक स्मार्ट चार्ट बनाएं और हर महीने रिव्यू करें
हर महीने अपनी आय और व्यय का एक चार्ट बनाएं। उसमें देखें कि कितना पैसा कहां जा रहा है। उसी हिसाब से विभाजन करें। टेक्नोलॉजी के इस युग में बैंकिंग ऐप्स, एक्सेल शीट या बजटिंग ऐप का सहारा लें।
विशेषज्ञों की सलाह: पैसे को ‘जगह’ और ‘उद्देश्य’ दें
फाइनेंशियल प्लानर अमित अग्रवाल कहते हैं,
“पैसे को सिर्फ बचाएं नहीं, उसे एक उद्देश्य दें। आपका पैसा जहां रहेगा, वह आपकी ज़िंदगी की दिशा तय करेगा। सेविंग्स लिक्विडिटी देगी, FD सुरक्षा देगी और करंट अकाउंट व्यापारिक गति। तीनों को समझदारी से इस्तेमाल करें।”
आपकी कमाई, आपकी जिम्मेदारी
आधुनिक जीवनशैली में केवल कमाना ही काफी नहीं, बल्कि उसे बुद्धिमानी से प्रबंधित करना और जरूरत के अनुसार बांटना भी जरूरी है। सेविंग्स, करंट और डिपॉजिट खातों में संतुलित और रणनीतिक विभाजन न सिर्फ आपकी वित्तीय स्थिरता बढ़ाएगा, बल्कि मानसिक शांति भी देगा।
अगर आप भी अपनी कमाई को बेहतर तरीके से विभाजित करना चाहते हैं, तो आज ही अपने बैंक से संपर्क करें और FD, RD या करंट अकाउंट खुलवाकर एक व्यवस्थित वित्तीय जीवन की शुरुआत करें।
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