ITR Filing 2025: नए नियम और स्क्रूटनी गाइडलाइन से पहले जानें ये जरूरी बातें
Income Tax Return Filing 2025 की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और वित्त वर्ष 2024-25 व आकलन वर्ष 2025-26 के लिए टैक्सपेयर्स के लिए कई जरूरी नियमों में बदलाव किया गया है। अगर आप भी ITR भरने की तैयारी में हैं, तो इनकम टैक्स रिटर्न स्क्रूटनी नियमों को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
CBDT की नई गाइडलाइन: किन मामलों में होगी ITR स्क्रूटनी?
14 जून 2025 को Central Board of Direct Taxes (CBDT) ने Income Tax Return Scrutiny से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की है। इस बार आयकर विभाग ने टैक्स चोरों पर शिकंजा कसने के लिए जांच प्रक्रिया को अधिक कठोर बनाया है।
स्क्रूटनी के मुख्य आधार:
- इनकम टैक्स सर्वे के बाद जांच
अगर 1 अप्रैल 2023 के बाद आपके यहाँ Income Tax Survey (Section 133A sub-section 2A को छोड़कर) हुआ है, तो आपकी ITR की स्क्रूटनी पक्की मानी जाएगी। - रेड या दस्तावेज जब्ती
यदि 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2025 के बीच आपके स्थान पर IT रेड (Section 132) या डॉक्युमेंट्स की सीज़िंग (Section 132A) हुई है, तो आपकी ITR जांच के दायरे में आएगी। - टैक्स छूट पर संदेह
जिन संस्थाओं का Section 12A, 12AB, 10(23C) या 35(1)(ii)/(iii) के अंतर्गत पंजीकरण 31 मार्च 2024 तक रद्द हो चुका है, लेकिन फिर भी उन्होंने टैक्स छूट क्लेम किया है—उन मामलों की स्क्रूटनी अनिवार्य की गई है। - अपील में असफल टैक्सपेयर्स
यदि पिछले साल असेसमेंट में मेट्रो शहरों में ₹50 लाख और अन्य शहरों में ₹20 लाख से अधिक की आय जोड़ी गई थी और अपील में असफल रहे, तो अगली ITR जांच के लिए चिन्हित होगी। - जांच एजेंसियों से मिले इनपुट
CBI, ED या अन्य एजेंसियों से आयकर विभाग को यदि कोई विशेष इनपुट मिला है, तो उस टैक्सपेयर्स की रिटर्न स्वतः स्क्रूटनी के तहत आ जाएगी।
कब तक मिलेगा स्क्रूटनी नोटिस?
यदि आपका केस उपरोक्त श्रेणियों में आता है, तो 30 जून 2025 तक आपको Income Tax Department की ओर से स्क्रूटनी नोटिस भेजा जा सकता है। किसी भी केस को स्क्रूटनी से बाहर रखने के लिए Principal Chief Commissioner (PCIT) की विशेष अनुमति आवश्यक होगी।
किन मामलों में NAFAC प्रक्रिया नहीं होगी लागू?
National Faceless Assessment Centre (NAFAC) की प्रक्रिया इस बार International Taxation Cases और Central Circle Cases में लागू नहीं होगी। इन मामलों में मैनुअल या पारंपरिक जांच की व्यवस्था ही अपनाई जाएगी।
स्क्रूटनी से बचने के लिए ध्यान रखें ये बातें:
अगर आप चाहते हैं कि आपकी ITR जांच के दायरे में न आए, तो निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखें:
- सभी दस्तावेजों को सही और पूरी जानकारी के साथ भरें
- झूठे क्लेम या फर्जी टैक्स छूट से बचें
- इन्वेस्टमेंट और खर्चों का ट्रैक रिकॉर्ड रखें
- सही बैंक स्टेटमेंट और फॉर्म 16 संलग्न करें
- टैक्स फाइलिंग डेडलाइन से पहले रिटर्न फाइल करें
ITR Filing 2025: टेक्नोलॉजी से हुई प्रक्रिया पारदर्शी
इस बार की ITR Filing Process तकनीकी रूप से और ज्यादा पारदर्शी बनी है। ई-वेरिफिकेशन, AIS/TIS रिपोर्ट, और ऑनलाइन स्क्रूटनी जैसे फीचर्स की मदद से आयकर विभाग रियल टाइम एनालिसिस कर रहा है। इसलिए टैक्स नियमों का पालन करना अब आपकी जिम्मेदारी भी है और समझदारी भी।
FAQ: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q. ITR फाइल करने की अंतिम तारीख क्या है?
ITR फाइल करने की सामान्य अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है।
Q. क्या रिटर्न फाइल करते समय AIS रिपोर्ट देखना जरूरी है?
हाँ, AIS (Annual Information Statement) में दर्ज हर जानकारी को ITR से मिलान करना आवश्यक है।
Q. क्या बिना अपील के बढ़ी हुई आय स्क्रूटनी में जा सकती है?
जी हां, यदि आपने अपील नहीं की या अपील हार गए तो अगली ITR निश्चित रूप से जांच के दायरे में आएगी।
ITR Filing 2025 को लेकर आयकर विभाग पूरी तरह सख्त हो चुका है। टैक्सपेयर्स के लिए यह बेहद जरूरी है कि वे नई इनकम टैक्स स्क्रूटनी गाइडलाइन को ध्यान में रखकर ही अपनी रिटर्न फाइल करें। ईमानदारी और पारदर्शिता ही आपको स्क्रूटनी से बचा सकती है।
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