क्या म्यूचुअल फंड में पैसा डूब सकता है? जानिए सच्चाई, रिस्क और बचाव के उपाय
नई दिल्ली। आजकल निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। ‘म्यूचुअल फंड सही है’ जैसे अभियान ने लोगों में जागरूकता बढ़ाई है, लेकिन साथ ही एक सवाल बहुतों के मन में आता है — क्या म्यूचुअल फंड में हमारा पैसा डूब सकता है?
इस सवाल का सीधा जवाब है — हां, लेकिन पूरी सच्चाई जानना जरूरी है।
समझिए म्यूचुअल फंड में “पैसा डूबना” क्या होता है?
जब हम कहते हैं कि पैसा “डूब गया”, तो आमतौर पर हमारा मतलब होता है कि पूंजी पूरी तरह खत्म हो गई या बड़ा घाटा हो गया। म्यूचुअल फंड में यह संभावना बहुत कम होती है कि आपकी पूरी पूंजी खत्म हो जाए, लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव के चलते नुकसान जरूर हो सकता है।
म्यूचुअल फंड शेयर बाजार, बॉन्ड मार्केट, गोल्ड या अन्य एसेट्स में निवेश करता है। अगर बाजार में भारी गिरावट आती है और आपने जल्दबाज़ी में रिडीम कर लिया, तो नुकसान हो सकता है। मगर अगर आपने लंबे समय तक निवेश बनाए रखा, तो पैसा डूबने का खतरा काफी कम हो जाता है।
किन म्यूचुअल फंड्स में ज्यादा जोखिम होता है?
- एक्विटी म्यूचुअल फंड – सबसे ज्यादा जोखिम इन्हीं में होता है, क्योंकि ये सीधे शेयर बाजार में निवेश करते हैं। हालांकि, रिटर्न भी सबसे ज्यादा यही देते हैं।
- हाइब्रिड फंड – ये इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करते हैं। जोखिम मध्यम होता है।
- डेट फंड – इनमें जोखिम कम होता है, लेकिन रिटर्न भी सीमित होता है।
- गवर्नमेंट बॉन्ड आधारित फंड्स – ये लगभग सुरक्षित माने जाते हैं, पर इनसे बहुत ऊंचा रिटर्न उम्मीद नहीं की जाती।
पैसा न डूबे इसके लिए क्या सावधानी रखें?
पैसा न डूबे इसके लिए निवेश करते समय कुछ महत्वपूर्ण सावधानियाँ बरतनी चाहिए। सबसे पहले, निवेश को लंबी अवधि के नजरिए से देखें, खासकर म्यूचुअल फंड में 5 साल या उससे अधिक समय के लिए निवेश करना अधिक लाभकारी होता है। इसके अलावा, अपने रिस्क प्रोफाइल को समझें, यानी जितना जोखिम सहन कर सकते हैं, उसी के अनुसार फंड का चयन करें। बाजार की अस्थिरता को संतुलित करने के लिए SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए नियमित निवेश करें, यह एक समझदारी भरा कदम होता है। साथ ही, निवेश को डायवर्सिफाई करें, यानी सारा पैसा एक ही फंड में न लगाकर अलग-अलग फंड्स में बाँटना चाहिए, ताकि जोखिम कम हो। अंत में, SEBI रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार से सलाह लें, जिससे आप सूझ-बूझ के साथ सुरक्षित और लाभदायक निवेश कर सकें।
क्या म्यूचुअल फंड बैंक FD जितना सुरक्षित है?
बिलकुल नहीं। बैंक FD एक निश्चित रिटर्न और गारंटी के साथ आता है, जबकि म्यूचुअल फंड मार्केट लिंक्ड उत्पाद है। इसमें जोखिम भी है और संभावना भी। लंबे समय में म्यूचुअल फंड FD से कहीं बेहतर रिटर्न दे सकता है, लेकिन यह 100% सुरक्षित नहीं होता।
डेटा क्या कहता है?
AMFI (Association of Mutual Funds in India) के आंकड़ों के अनुसार, अगर किसी निवेशक ने 10 वर्षों तक SIP किया है, तो 90% से अधिक मामलों में उन्हें बैंक FD से बेहतर रिटर्न मिला है। वहीं, 1 से 3 साल की अवधि में बाजार की चाल के अनुसार नफा-नुकसान दोनों हो सकते हैं।
डूबने से नहीं डरें, समझदारी से निवेश करें
म्यूचुअल फंड में पैसा पूरी तरह डूबने की संभावना बहुत कम होती है, खासकर अगर आपने अच्छे फंड का चुनाव किया है और लंबी अवधि तक निवेश बनाए रखा है। डर की जगह जानकारी और रणनीति से काम लें। सही समय, सही फंड और सही रणनीति से निवेश करने पर म्यूचुअल फंड आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने का एक बेहतरीन माध्यम बन सकता है।
Also Read:
- म्यूचुअल फंड में पैसा कितने दिन में डबल होता है? जानिए स्मार्ट इन्वेस्टमेंट फॉर्मूला और गारंटीड ग्रोथ टिप्स!
- म्यूचुअल फंड में 1 साल में कितना ब्याज मिलता है? सच जानकर हैरान रह जाएंगे!