यहां पर 5वीं और 8वीं क्लास के बच्चों को नहीं किया जाएगा प्रमोट, दोबारा लागू हुआ पास-फेल सिस्टम
Odisha 5th and 8th Class News 2025: ओडिशा शिक्षा विभाग ने राज्य के शैक्षणिक ढांचे में बड़ा बदलाव करते हुए 5वीं और 8वीं क्लास के बच्चों को प्रमोट करने की नीति में बदलाव किया है। अब छात्रों को साल के अंत में परीक्षा देनी होगी और फेल होने की स्थिति में अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। यहां पर 5वीं और 8वीं क्लास के बच्चों को नहीं किया जाएगा प्रमोट, यह नीति दोबारा से पास-फेल सिस्टम के रूप में लागू कर दी गई है।
ओडिशा में फिर से लागू हुआ पास-फेल सिस्टम
ओडिशा सरकार ने Right to Education (RTE) Rules 2010 में संशोधन करते हुए अब सरकारी स्कूलों के कक्षा 5 और 8 के छात्रों के लिए वार्षिक परीक्षा अनिवार्य कर दी है। जो छात्र इस परीक्षा में सफल नहीं होंगे, उन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी। अगर वे दोबारा भी पास नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा।
फेल छात्रों के लिए रिमेडियल क्लासेस का प्रावधान
राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि परीक्षा में असफल छात्रों को रिमेडियल क्लासेस दी जाएंगी। TOI की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे बच्चों को दो महीने की विशेष शिक्षण कक्षाएं दी जाएंगी, ताकि वे अपनी कमजोरियों को सुधार सकें। इसके बाद फिर से परीक्षा का अवसर मिलेगा। अगर छात्र इसमें भी पास नहीं होते हैं, तो उन्हें उसी कक्षा में रोक लिया जाएगा।
स्कूल से बाहर नहीं होंगे बच्चे, लेकिन अगली कक्षा में प्रमोशन नहीं
ओडिशा सरकार का यह भी कहना है कि कोई भी बच्चा प्राथमिक शिक्षा पूरी करने से पहले स्कूल से बाहर नहीं किया जाएगा। हालांकि, यदि वह परीक्षा में लगातार असफल रहता है, तो उसे उसी कक्षा में रखा जाएगा। यह नीति केंद्र सरकार द्वारा 2019 में शिक्षा कानून में किए गए संशोधन के आधार पर अपनाई गई है। इसके अंतर्गत राज्यों को यह अधिकार मिला है कि वे छात्रों के मूल्यांकन के आधार पर निर्णय ले सकते हैं।
पहले क्या था – ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ की खामियाँ
पहले देश में नो डिटेंशन पॉलिसी लागू थी, जिसके तहत बच्चे अगर फेल भी होते थे, तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था। इससे छात्रों के सीखने की क्षमता पर असर पड़ता था और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वे वंचित रह जाते थे। इसी के मद्देनजर, अब कई राज्य, जैसे कि ओडिशा, इस नीति को संशोधित कर पास-फेल सिस्टम को पुनः लागू कर रहे हैं।
छात्रों के हित में है यह फैसला?
शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता को सुधारने में मदद करेगा। नियमित मूल्यांकन और परीक्षा आधारित प्रणाली से बच्चों की तैयारी पर जोर बढ़ेगा और वे पढ़ाई को गंभीरता से लेंगे। हालांकि, इसमें यह भी जरूरी है कि रिमेडियल क्लासेस और मनोवैज्ञानिक सहयोग को पर्याप्त महत्व दिया जाए, ताकि छात्रों पर अधिक मानसिक दबाव न पड़े।
यह शिक्षा में सुधार की दिशा में एक ठोस कदम
यहां पर 5वीं और 8वीं क्लास के बच्चों को नहीं किया जाएगा प्रमोट – यह फैसला शिक्षा व्यवस्था को अधिक जिम्मेदार, सुदृढ़ और परिणाम आधारित बनाने की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम है। दोबारा लागू हुआ पास-फेल सिस्टम छात्रों की वास्तविक योग्यता को जांचने में कारगर होगा और रिमेडियल क्लासेस के ज़रिए उनके विकास को सही दिशा मिलेगी। अगर यह नीति सही ढंग से लागू होती है, तो इससे ओडिशा राज्य के प्राथमिक शिक्षा ढांचे में क्रांतिकारी सुधार की संभावना है।
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