Sanjiv Bhasin SEBI Ban: स्टॉक टिप्स देने से पहले खुद खरीदते थे शेयर, निवेशकों को लगाया करोड़ों का चूना, SEBI ने ठोका बैन, संजीव भसीन शेयर घोटाला
शेयर बाजार की दुनिया में चर्चित चेहरा रहे संजीव भसीन अब मुश्किलों में घिर गए हैं। बाजार नियामक SEBI ने उन्हें और उनके 11 साथियों को शेयर बाजार में ट्रेडिंग से प्रतिबंधित कर दिया है। सेबी ने उनके खिलाफ ‘पंप एंड डंप’ स्कीम चलाने और करोड़ों की अवैध कमाई करने का आरोप लगाया है।
सेबी की सख्त कार्रवाई: न ट्रेडिंग, न लेन-देन
सेबी ने संजीव भसीन समेत 11 लोगों पर किसी भी प्रकार की शेयर ट्रेडिंग, सिक्योरिटी डीलिंग और निवेश गतिविधियों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही इन सभी के बैंक और डीमैट अकाउंट्स फ्रीज कर दिए गए हैं, ताकि करीब 11.37 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को छुपाया या ट्रांसफर न किया जा सके। सेबी ने यह अंतरिम आदेश देते हुए 21 दिनों के भीतर जवाब और संपत्ति की पूरी जानकारी मांगी है।
कौन हैं संजीव भसीन?
संजीव भसीन का नाम निवेशकों के लिए नया नहीं है। वो लंबे समय तक IIFL सिक्योरिटीज के साथ डायरेक्टर और बाद में कंसल्टेंट के तौर पर जुड़े रहे। CNBC Awaaz, ET Now और Zee Business जैसे बड़े चैनलों पर उनके स्टॉक टिप्स को लाखों लोग फॉलो करते थे। लेकिन सेबी की जांच ने उनके इस रुतबे को कठघरे में ला खड़ा किया है।
क्या थी ‘पंप एंड डंप’ स्कीम?
‘पंप एंड डंप’ स्कीम एक तरह की शेयर बाजार धोखाधड़ी है। इसमें संजीव भसीन और उनके सहयोगी पहले खुद कम कीमत पर कुछ शेयर खरीदते थे, फिर मीडिया और सोशल मीडिया पर उन शेयरों की बढ़ा-चढ़ाकर प्रशंसा करते थे। इससे निवेशक उन शेयरों को खरीदने लगते थे और दाम चढ़ते थे। जैसे ही शेयर ऊंचाई पर पहुंचते, भसीन और उनके लोग शेयर बेचकर मुनाफा कमा लेते, जिससे बाकी निवेशकों को भारी घाटा उठाना पड़ता।
सेबी की जांच में क्या सामने आया?
सेबी को सितंबर और अक्टूबर 2023 में तीन शिकायतें मिलीं, जिनमें बताया गया कि टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर स्टॉक टिप्स के नाम पर शेयर मार्केट में हेराफेरी की जा रही है। इसके बाद जनवरी 2020 से जून 2024 तक की अवधि की जांच शुरू हुई।
जांच में सामने आया कि भसीन Venus Portfolios, Gemini Portfolios, HB Stockholdings और Leo Portfolios जैसे खातों में शेयर खरीदते थे। ये सौदे RRB Master Securities Delhi Ltd. नामक फर्म के जरिए होते थे, जो भसीन के रिश्तेदार ललित भसीन और आशीष कपूर द्वारा संचालित थी।
व्हाट्सएप चैट्स और कॉल रिकॉर्ड्स से पता चला कि भसीन अपने डीलर्स को ट्रेड करने के निर्देश देते थे और कुछ ही समय बाद टीवी चैनलों पर उन्हीं शेयरों की सिफारिश करते थे। इसके बाद तुरंत बिकवाली कर मोटा मुनाफा कमाया जाता था।
उदाहरण: कैसे होता था मुनाफा?
- 11 जनवरी 2022: भसीन ने पहले L&T Technology Services के 3,800 शेयर खरीदे, फिर टीवी पर इसकी सिफारिश की और तुरंत मुनाफा कमाया – ₹1.36 लाख।
- 7 फरवरी 2024: उन्होंने Parag Milk Foods के 51,500 शेयर खरीदे, फिर उसे ‘Special Pick’ बताया और उसी दिन बेचकर ₹8.4 लाख कमा लिए।
कौन-कौन है इस स्कीम में शामिल?
सेबी के मुताबिक, इन 11 लोगों और संस्थाओं ने मिलकर स्कीम चलाई:
- ललित भसीन – RRB Master Securities के डायरेक्टर, संजीव भसीन के कजिन
- आशीष कपूर – ललित के जीजा, फर्म के MD
- राजीव कपूर और जगत सिंह – ट्रेडिंग डीलर
- प्रवीण और बबीता गुप्ता – फर्म से जुड़ी हस्तियां
- Venus, Gemini, HB, Leo Portfolios – ट्रेडिंग कंपनियां
इन सभी ने संगठित रूप से निवेशकों को गुमराह कर मुनाफा कमाया।
सेबी के पास क्या थे सबूत?
सेबी ने जून 2024 में NCR में सर्च ऑपरेशन चलाया। इसमें मोबाइल, लैपटॉप, चैट्स, कॉल रिकॉर्ड्स और ऑडियो क्लिप्स जब्त की गईं। इनमें भसीन की स्कीम के पूरे सबूत मिले।
साथ ही, सेबी ने पाया कि भसीन सेबी के रजिस्टर्ड एनालिस्ट या एडवाइजर नहीं थे, इसके बावजूद वो IIFL ब्रांड के नाम पर सिफारिशें दे रहे थे, जो गंभीर उल्लंघन है।
IIFL सिक्योरिटीज का पक्ष
IIFL ने इस मामले से किनारा करते हुए कहा कि भसीन उनके बोर्ड का हिस्सा नहीं थे, बल्कि कंसल्टेंट के रूप में कार्यरत थे। उनका कॉन्ट्रैक्ट 30 जून 2024 तक था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से 17 जून को समाप्त कर दिया गया।
निवेशकों के लिए चेतावनी
SEBI ने निवेशकों को चेताया है कि टीवी या सोशल मीडिया पर दी जाने वाली सलाह पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि सलाह देने वाला व्यक्ति SEBI से रजिस्टर्ड हो। यह घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे कुछ नामचीन चेहरे भी निवेशकों की आस्था का गलत फायदा उठाकर करोड़ों की ठगी कर सकते हैं।
सबक भरा मामला
संजीव भसीन का मामला यह साबित करता है कि लोकप्रियता और अनुभव पर ही भरोसा करना पर्याप्त नहीं है। निवेश से पहले रिसर्च, रजिस्टर्ड सलाहकार की पुष्टि और समझदारी बेहद जरूरी है। सेबी की यह कार्रवाई न केवल एक सख्त उदाहरण है, बल्कि एक संदेश भी है कि निष्पक्षता के साथ मार्केट निगरानी की जा रही है।
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