यूपी सरकार की नई योजना: 5 KM से दूर स्कूल होने पर मिलेंगे ₹6000 सालाना, जानिए पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण व सुदूर इलाकों में रहने वाले छात्रों के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत स्कूल 5 किलोमीटर से दूर होने पर ₹6000 सालाना भत्ता छात्रों को दिया जाएगा। यह यूपी स्कूल भत्ता योजना 2025 खासतौर पर बुंदेलखंड और सोनभद्र जैसे पिछड़े क्षेत्रों में लागू की जाएगी। इसका मकसद है छात्रों की स्कूल अटेंडेंस बढ़ाना और शैक्षणिक भागीदारी को सशक्त करना। इस योजना के अंतर्गत पात्र छात्रों को DBT के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में ट्रैवल अलाउंस दिया जाएगा।
UP ₹6000 सालाना भत्ता योजना क्या है?
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई यह फ्लैगशिप योजना उन छात्रों के लिए है, जिनके घर से निकटतम सरकारी स्कूल 5 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी पर स्थित है। 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को ₹6000 प्रति वर्ष का यात्रा भत्ता प्रदान किया जाएगा, जिससे वे नियमित रूप से स्कूल आ-जा सकें।
किन जिलों में होगी योजना की शुरुआत?
यह योजना बुंदेलखंड और सोनभद्र के 6 प्रमुख जिलों में लागू की जाएगी, जहां स्कूलों की पहुँच एक चुनौती है।
लाभ पाने वाले जिलों की सूची:
झांसी
चित्रकूट
जालौन
हमीरपुर
महोबा
बांदा
सोनभद्र
पात्रता (Eligibility Criteria)
विद्यार्थी कक्षा 9वीं से 12वीं में पढ़ता हो।
आवेदक के घर से निकटतम सरकारी स्कूल की दूरी 5 किलोमीटर या अधिक हो।
विद्यार्थी को PM SHRI स्कूल योजना के तहत चयनित स्कूलों में दाखिला लेना होगा (विशेषकर लड़कियों को)।
अभ्यर्थी को ग्राम प्रधान और स्कूल प्रिंसिपल से प्रमाणित डिक्लरेशन देना होगा।
भत्ता कैसे मिलेगा? (DBT Process)
सरकार ने इस योजना के तहत पारदर्शिता बनाए रखने के लिए Direct Benefit Transfer (DBT) का प्रावधान किया है। इसके अंतर्गत:
भत्ता सीधे छात्र के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा।
पहली किस्त 5 सितंबर 2025 तक भेजी जाएगी।
योजना का लाभ केवल उन्हीं विद्यार्थियों को मिलेगा जो वेरिफिकेशन के सभी चरण पूरे करते हैं।
आवेदन प्रक्रिया और वेरिफिकेशन जरूरी
छात्र को एक डिक्लरेशन फॉर्म भरना होगा कि उसके घर के 5 किमी दायरे में कोई सरकारी स्कूल नहीं है।
इस डिक्लरेशन को ग्राम प्रधान और स्कूल प्रिंसिपल से प्रमाणित कराना होगा।
स्थानीय प्रतिनिधि और शिक्षा अधिकारी वेरिफिकेशन के बाद योजना के लिए नामांकन करेंगे।
योजना के तहत छात्र की स्कूल उपस्थिति में 10% वृद्धि भी जरूरी होगी।
लड़कियों के लिए विशेष प्रावधान
PM SHRI स्कूल विकास योजना से जुड़े 146 सरकारी स्कूलों की छात्राएं इस योजना से लाभान्वित होंगी। इससे ग्रामीण बालिकाओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और वे नियमित रूप से स्कूल जा सकेंगी।
कितने छात्रों को मिलेगा फायदा?
सरकार द्वारा शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य शिक्षा को उन क्षेत्रों तक पहुँचाना है, जहाँ अब तक सुविधाओं की कमी रही है। बुंदेलखंड और सोनभद्र क्षेत्र के 24,000 से अधिक छात्रों को इस योजना से प्रत्यक्ष लाभ मिलने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, लगभग 4000 लड़कियां पीएम-श्री (PM SHRI) स्कूलों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करेंगी। इन आंकड़ों को मिलाकर देखा जाए, तो कुल 28,000 से अधिक बच्चों को इस योजना के तहत शिक्षा को सहज, सुलभ और प्रभावी रूप में प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यह पहल न केवल शैक्षिक असमानता को दूर करने में सहायक होगी, बल्कि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में शिक्षा की पहुँच को भी मजबूती प्रदान करेगी।
इस योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को बेहतर बनाना है। इसका प्रमुख लक्ष्य छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना, ताकि वे निरंतर शिक्षा प्राप्त कर सकें। साथ ही, यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को स्कूल तक पहुंचने में सहायता प्रदान करती है, जिससे वे शिक्षा से वंचित न रहें। इसके अतिरिक्त, लैंगिक समानता को बढ़ावा देना भी इसका एक अहम उद्देश्य है, ताकि लड़कियां भी बिना किसी बाधा के शिक्षा प्राप्त कर सकें। अंततः, यह पहल ड्रॉपआउट दर को कम करने और विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
छात्रों के लिए वरदान साबित होगी योजना
यूपी सरकार की ₹6000 सालाना यात्रा भत्ता योजना एक सराहनीय कदम है जो ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों को शिक्षा से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस योजना से न सिर्फ शिक्षा में भागीदारी बढ़ेगी, बल्कि लड़कियों की शिक्षा को भी नया बल मिलेगा। सरकार की यह कोशिश निश्चित रूप से छात्रों को आत्मनिर्भर और जागरूक नागरिक बनने में मदद करेगी।
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