UPSC Age Limit 2025: UPSC सिविल सेवा में बड़े बदलाव की मांग: ‘उम्र घटाएं, प्रयास सीमित करें, 40+ पेशेवरों को IAS में मौका दें’ – पूर्व RBI गवर्नर की अपील
नई दिल्ली – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर दुव्वुरी सुब्बाराव ने UPSC सिविल सेवा भर्ती प्रणाली में व्यापक सुधार की मांग करते हुए दो बड़े सुझाव दिए हैं। उन्होंने न केवल UPSC की अधिकतम आयु सीमा और प्रयासों की संख्या को घटाने का प्रस्ताव दिया है, बल्कि 40 साल से अधिक उम्र के पेशेवरों के लिए IAS में मिड-कैरियर प्रवेश का भी सुझाव रखा है।
UPSC परीक्षा में उम्र और प्रयास की सीमा कम करने की जरूरत
सुब्बाराव ने अपने लेख में कहा कि, “हर साल सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाने वाले 1000 के करीब उम्मीदवारों के पीछे हजारों ऐसे अभ्यर्थी होते हैं जो कई वर्षों की मेहनत और असफलताओं के बाद भी सफलता नहीं पा पाते। यह देश के युवाओं की सबसे उत्पादक उम्र को बर्बाद करने जैसा है।”
वर्तमान में UPSC परीक्षा में 21 से 32 वर्ष की उम्र तक 6 प्रयासों की अनुमति है। सुब्बाराव का मानना है कि ‘संक कॉस्ट फॉलसी’ (Sunk Cost Fallacy) के चलते छात्र बार-बार असफलता के बाद भी परीक्षा देते रहते हैं, जिससे मानसिक तनाव और समय दोनों की हानि होती है।
“3 प्रयास और 27 वर्ष अधिकतम उम्र होनी चाहिए” – सुब्बाराव
1970 के दशक के अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा, “पहले सिर्फ दो प्रयास मिलते थे और उम्र सीमा भी 24 साल तक थी। अब यह संतुलन अत्यधिक लचीला हो गया है।”
उनका सुझाव है कि UPSC को तीन प्रयासों तक सीमित करना चाहिए और अधिकतम आयु सीमा 27 वर्ष होनी चाहिए, ताकि परीक्षा वास्तविक योग्यता पर आधारित हो, न कि तकनीकी रणनीति और सालों की तैयारी पर।
मिड-कैरियर IAS एंट्री: 40+ पेशेवरों को दें अवसर
सुब्बाराव ने दूसरा बड़ा सुझाव यह दिया कि UPSC को 40 से 42 साल की उम्र के पेशेवरों के लिए एक अलग और स्थायी भर्ती चैनल शुरू करना चाहिए। यह केवल लैटरल एंट्री जैसा नहीं, बल्कि प्रतिस्पर्धात्मक और नियमित माध्यम होना चाहिए जिससे प्रशासन में वास्तविक अनुभव और विविधता लाई जा सके।
“Tier-2 IAS अधिकारी प्रशासन को और अधिक प्रासंगिक, अनुभवी और संवेदनशील बना सकते हैं।”
युवाओं की भर्ती भी जरूरी, लेकिन सुधार समय की मांग
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि युवाओं की भर्ती बंद नहीं होनी चाहिए क्योंकि उनके पास ऊर्जा, उत्साह और नई सोच होती है। लेकिन देश की प्रशासनिक प्रणाली को समय के साथ विकसित और लचीला बनाना जरूरी है।
UPSC में सुधार युवाओं और प्रशासन दोनों के हित में
पूर्व RBI गवर्नर की यह मांग न केवल UPSC परीक्षा प्रणाली की कमियों को उजागर करती है, बल्कि देश में टैलेंट के बेहतर उपयोग की दिशा में एक सकारात्मक कदम भी हो सकता है। अगर सरकार इस दिशा में विचार करती है, तो यह प्रशासनिक सेवाओं को ज्यादा कुशल और प्रासंगिक बना सकता है।
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