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म्यूचुअल फंड रिडेम्प्शन क्या है और फंड यूनिट्स कैसे रिडीम करें – जानिए आसान प्रक्रिया

म्यूचुअल फंड रिडेम्प्शन क्या है और फंड यूनिट्स कैसे रिडीम करें – जानिए आसान प्रक्रिया
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म्यूचुअल फंड रिडेम्प्शन क्या है और फंड यूनिट्स कैसे रिडीम करें? जानिए पूरी प्रक्रिया आसान भाषा में

आज के समय में म्यूचुअल फंड निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प बन चुका है। लेकिन जितना जरूरी निवेश करना है, उतना ही जरूरी है सही समय पर म्यूचुअल फंड रिडेम्प्शन यानी अपनी यूनिट्स को वापस लेना। इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे – म्यूचुअल फंड रिडेम्प्शन क्या है और फंड यूनिट्स कैसे रिडीम करें, इसकी प्रक्रिया, समय, शुल्क और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

म्यूचुअल फंड रिडेम्प्शन क्या होता है?

जब आप किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आपको यूनिट्स (Units) अलॉट की जाती हैं। जब आप इन यूनिट्स को बाजार में बेचते हैं और अपना पैसा वापस लेते हैं, तो इसे म्यूचुअल फंड रिडेम्प्शन कहते हैं। आसान भाषा में कहें, तो रिडेम्प्शन का मतलब है – “अपना पैसा वापस निकालना।”

फंड यूनिट्स कैसे रिडीम करें? पूरी प्रक्रिया जानिए

अगर आप सोच रहे हैं कि म्यूचुअल फंड से पैसा कैसे निकाला जाए, तो नीचे दी गई प्रक्रिया को ध्यान से पढ़ें:

1. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ज़रिए रिडेम्प्शन

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ज़रिए म्यूचुअल फंड रिडेम्प्शन करना आज के डिजिटल युग में बेहद आसान हो गया है। इसके लिए आपको सबसे पहले अपनी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर लॉगिन करना होता है। लॉगिन करने के बाद अपने पोर्टफोलियो में जाकर उस स्कीम को चुनें, जिसमें आपने निवेश किया है। स्कीम सिलेक्ट करने के बाद ‘Redeem’ विकल्प पर क्लिक करें। अब आप जितनी यूनिट्स या जितनी राशि निकालना चाहते हैं, उसे चुनें। इसके बाद अपनी बैंक डिटेल्स कन्फर्म करें और सबमिट बटन दबा दें। कुछ ही दिनों में रिडेम्प्शन राशि आपके पंजीकृत बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।

2. थर्ड पार्टी ऐप्स से (Groww, Zerodha, Kuvera, Paytm Money)

थर्ड पार्टी ऐप्स जैसे Groww, Zerodha, Kuvera या Paytm Money की मदद से भी म्यूचुअल फंड रिडेम्प्शन करना बेहद सरल प्रक्रिया है। सबसे पहले संबंधित ऐप को खोलें और उसमें मौजूद म्यूचुअल फंड सेक्शन में जाएं। यहां से उस स्कीम को चुनें जिसमें आपने निवेश किया है और जिसे आप रिडीम करना चाहते हैं। स्कीम सिलेक्ट करने के बाद ‘Redeem’ विकल्प पर टैप करें। अब आपको रिडेम्प्शन के लिए राशि या यूनिट्स दर्ज करनी होंगी। सारी जानकारी सही भरने के बाद कन्फर्म करें और रिडेम्प्शन रिक्वेस्ट सबमिट कर दें। कुछ ही वर्किंग डेज़ में पैसा आपके बैंक खाते में पहुंच जाएगा।

3. ऑफलाइन रिडेम्प्शन प्रोसेस

अगर आप म्यूचुअल फंड रिडेम्प्शन ऑफलाइन करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपनी संबंधित एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) की नजदीकी ब्रांच में जाना होगा। वहां जाकर आपको एक रिडेम्प्शन फॉर्म भरना होगा जिसमें आप उस स्कीम का नाम, यूनिट्स या राशि दर्ज करेंगे जिसे आप रिडीम करना चाहते हैं। इसके साथ ही, आपको अपनी बैंक डिटेल्स भी फॉर्म में भरनी होती हैं ताकि रिडेम्प्शन की राशि सही खाते में भेजी जा सके। सभी जानकारी भरने के बाद फॉर्म को ब्रांच में सबमिट कर दें। प्रोसेस पूरी होने पर निर्धारित समय में पैसा आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

पैसे कब तक मिलते हैं? (Redemption Settlement Time)

  • Debt Funds: 1-2 वर्किंग डेज में
  • Equity Funds: 3-4 वर्किंग डेज में
  • Liquid Funds: T+1 यानी अगले वर्किंग डे में पैसा मिल जाता है

रिडेम्प्शन पर टैक्स और चार्जेस क्या लगते हैं?

1. एग्ज़िट लोड (Exit Load)

कुछ फंड्स में यदि आप निश्चित समय से पहले यूनिट्स निकालते हैं तो आपको एग्जिट लोड देना पड़ता है। उदाहरण के लिए – एक साल से पहले Equity Fund से रिडीम करने पर 1% का एग्ज़िट लोड लग सकता है।

2. कैपिटल गेन्स टैक्स
  • शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG): एक साल से पहले बेचने पर 15% टैक्स
  • लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG): एक साल बाद बेचने पर ₹1 लाख से अधिक लाभ पर 10% टैक्स

म्यूचुअल फंड रिडेम्प्शन करते समय किन बातों का रखें ध्यान?

  • गोल क्लैरिटी रखें: क्या आप आपातकालीन ज़रूरत के लिए पैसा निकाल रहे हैं या लक्ष्य पूरा हो चुका है?
  • मार्केट टाइमिंग का लालच न करें: बाजार की गिरावट में डरकर यूनिट्स न बेचें
  • टैक्स प्लानिंग जरूर करें: टैक्स बचाने के लिए SIP के अनुसार यूनिट्स निकालें
  • एग्ज़िट लोड और लॉक-इन पीरियड जरूर जांचें

क्या SIP निवेश को भी रिडीम कर सकते हैं?

हां, आप SIP में किए गए निवेश को भी रिडीम कर सकते हैं। लेकिन ध्यान दें कि हर SIP इंस्टॉलमेंट की अलग-अलग तारीख होती है, जिससे लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर असर पड़ता है। SIP रिडेम्प्शन करते समय ‘FIFO’ (First In First Out) नियम लागू होता है।

ELSS फंड्स में रिडेम्प्शन कैसे करें?

ELSS यानी टैक्स सेवर फंड्स में निवेश की गई हर किस्त पर 3 साल का लॉक-इन होता है। यानी 1 जनवरी 2022 को किए गए निवेश को आप 1 जनवरी 2025 के बाद ही रिडीम कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड रिडेम्प्शन से जुड़े कुछ जरूरी सवाल (FAQs)

Q. क्या मैं आंशिक (Partial) रिडेम्प्शन कर सकता हूँ?
हां, आप जितनी यूनिट्स चाहें, उतनी यूनिट्स को आंशिक रूप से रिडीम कर सकते हैं।

Q. क्या रिडेम्प्शन के बाद पैसा सीधे बैंक में आता है?
हां, रजिस्टर्ड बैंक खाते में ही पैसा भेजा जाता है।

Q. क्या रिडेम्प्शन के लिए कोई डॉक्युमेंट चाहिए होता है?
ऑनलाइन प्रोसेस में नहीं, लेकिन ऑफलाइन में PAN और कैंसल चेक मांगा जा सकता है।

म्यूचुअल फंड रिडेम्प्शन निवेश के अंतिम चरण का अहम हिस्सा है। सही समय और सही रणनीति से यदि आप फंड्स को रिडीम करते हैं, तो आप टैक्स बचा सकते हैं और अपने फाइनेंशियल गोल्स भी आसानी से पूरे कर सकते हैं। चाहे आप ऑनलाइन हों या ऑफलाइन – रिडेम्प्शन प्रक्रिया अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गई है।

इसलिए, निवेश के साथ-साथ रिडेम्प्शन की सही समझ भी जरूरी है ताकि आपका पैसा न केवल बढ़े, बल्कि जरूरत पर काम भी आए।

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