नौकरी छोड़ने के बाद सैलरी अकाउंट का क्या होता है? जानें नियम
नई दिल्ली: आज के दौर में हर नौकरीपेशा व्यक्ति के पास एक सैलरी अकाउंट होता है, जो कंपनी द्वारा वेतन देने के लिए खोला जाता है। लेकिन जब आप नौकरी छोड़ते हैं या इस्तीफा देते हैं, तब सवाल उठता है कि क्या होगा उस सैलरी अकाउंट का? क्या बैंक उसे बंद कर देगा? क्या उस पर चार्ज लग सकते हैं? इस लेख में हम बताएंगे कि नौकरी छोड़ने के बाद आपके सैलरी अकाउंट की स्थिति क्या होती है और आपको क्या कदम उठाने चाहिए।
सैलरी अकाउंट होता क्या है?
सैलरी अकाउंट एक ऐसा बचत खाता (Savings Account) होता है जिसे कंपनी और बैंक के बीच हुए करार के तहत खोला जाता है। इसमें न्यूनतम बैलेंस की बाध्यता नहीं होती और कई बार मुफ्त एटीएम, चेकबुक, ओवरड्राफ्ट जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। यह खाता केवल तब तक “सैलरी अकाउंट” माना जाता है जब तक उसमें हर महीने सैलरी क्रेडिट होती रहती है।
नौकरी छोड़ने के बाद क्या होता है?
जब आप नौकरी छोड़ते हैं और अगले 2-3 महीने तक उस खाते में सैलरी क्रेडिट नहीं होती, तो बैंक उस खाते की स्थिति को बदल देता है। यह प्रक्रिया सामान्यतः इस प्रकार होती है:
- 60 से 90 दिन बाद सैलरी अकाउंट को बैंक नॉर्मल सेविंग्स अकाउंट में बदल देता है।
- अब इस खाते पर मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना जरूरी हो जाता है।
उदाहरण: मेट्रो शहरों में ₹10,000 तक न्यूनतम बैलेंस की शर्त हो सकती है। - यदि बैलेंस मेंटेन नहीं किया गया, तो बैंक पेनल्टी चार्ज लगाने लगता है।
क्या आप पुराने सैलरी अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं?
जी हां, आप अपने सैलरी अकाउंट का इस्तेमाल नौकरी छोड़ने के बाद भी कर सकते हैं, लेकिन वह अब सामान्य बचत खाता बन चुका होगा और उस पर उसी तरह के नियम लागू होंगे जैसे अन्य सेविंग्स अकाउंट पर होते हैं।
टिप: यदि आप नई नौकरी में शामिल हो चुके हैं, तो पुराना सैलरी अकाउंट बंद करके नई कंपनी के जरिए नया सैलरी अकाउंट खुलवाना बेहतर होता है। इससे आपको फिर से न्यूनतम बैलेंस की छूट मिलेगी।
नुकसान से बचने के लिए क्या करें?
- बैलेंस चेक करते रहें: हर महीने बैलेंस की स्थिति देखें ताकि बैंक पेनल्टी न लगाए।
- ईमेल नोटिफिकेशन देखें: बैंक आमतौर पर ईमेल के जरिए आपको जानकारी देता है कि खाता अब रेगुलर सेविंग्स अकाउंट में बदल गया है।
- बैंक से संपर्क करें: स्थिति स्पष्ट न हो तो बैंक ब्रांच जाकर अपडेट लें या कस्टमर केयर से बात करें।
- पुराना खाता बंद कराएं: अगर आप उसे इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो बेहतर होगा कि खाता बंद करवा दें ताकि कोई चार्ज न लगे।
कुछ खास बातें जो आपको जाननी चाहिए
- अगर आप फ्री मेंटेनेंस की सुविधा चाहते हैं तो बैंक से बात करके उस खाते को जनरल सेविंग्स में कन्वर्ट करवा सकते हैं, जहां न्यूनतम बैलेंस कम होता है।
- कुछ बैंक आपको SMS या नेट बैंकिंग के जरिए भी खाता बंद करने की सुविधा देते हैं।
- कई बार लोग ऐसे खातों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे उन पर महीनों तक चार्ज जुड़ते रहते हैं।
नौकरी छोड़ने के बाद केवल ऑफिस छोड़ना काफी नहीं होता, बल्कि बैंकिंग मामलों में भी सतर्कता जरूरी होती है। अगर आपने अपने सैलरी अकाउंट को अनदेखा कर दिया, तो यह भविष्य में अनावश्यक खर्च और क्रेडिट स्कोर पर असर डाल सकता है। इसलिए समय पर सही कदम उठाएं, और यदि जरूरत हो तो खाता बंद कर नया शुरू करें।

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