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रिटायरमेंट के बाद पेंशन कितनी मिलेगी? जानिए आपकी सेवा के अनुसार अनुमानित पेंशन राशि

रिटायरमेंट के बाद पेंशन कितनी मिलेगी? जानिए आपकी सेवा के अनुसार अनुमानित पेंशन राशि
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रिटायरमेंट के बाद पेंशन कितनी मिलेगी? जानिए आपकी सेवा के अनुसार अनुमानित पेंशन राशि

हर वेतनभोगी कर्मचारी के जीवन में रिटायरमेंट एक अहम पड़ाव होता है। इस पड़ाव के बाद व्यक्ति की आय का मुख्य स्रोत पेंशन बन जाती है। लेकिन सवाल उठता है – रिटायरमेंट के बाद कितनी पेंशन मिलेगी? क्या यह राशि आपके जीवनयापन के लिए पर्याप्त होगी? क्या सरकारी और निजी क्षेत्र में पेंशन प्रणाली एक जैसी होती है? आइए, इन सवालों के जवाब विस्तार से जानते हैं।

सरकारी कर्मचारियों की पेंशन व्यवस्था

सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए दो प्रमुख पेंशन व्यवस्था लागू रही हैं:

  1. पुरानी पेंशन योजना (OPS):
    2004 से पहले सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों को OPS का लाभ मिलता है। इसमें रिटायरमेंट के बाद अंतिम वेतन का 50% तक पेंशन दी जाती है।
    उदाहरण:
    अगर किसी कर्मचारी का अंतिम वेतन ₹80,000 था, तो उसे ₹40,000 प्रतिमाह पेंशन मिल सकती है।
  2. नई पेंशन योजना (NPS):
    जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों और निजी कर्मचारियों के लिए NPS लागू है। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान देते हैं। NPS में मिलने वाली पेंशन तय नहीं होती, यह निवेश पर निर्भर करती है।

निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की पेंशन व्यवस्था

निजी क्षेत्र में पेंशन की गारंटी नहीं होती, लेकिन EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) द्वारा कुछ योजनाएं दी जाती हैं:

  1. EPS (Employee Pension Scheme):
    इसमें कर्मचारी का 8.33% योगदान होता है। न्यूनतम पेंशन ₹1,000 प्रति माह है, जबकि अधिकतम पेंशन ₹7,500 तक हो सकती है (नई प्रस्तावित सीमा)।
  2. निजी NPS अकाउंट:
    कई निजी कर्मचारी NPS में स्वयं निवेश कर अपने रिटायरमेंट के लिए फंड तैयार करते हैं। इसमें 60 साल की उम्र के बाद निवेश राशि का कुछ हिस्सा एकमुश्त और बाकी हिस्सा आजीवन पेंशन में मिलता है।

पेंशन की गणना कैसे होती है?

पेंशन का निर्धारण कई बातों पर निर्भर करता है:

  • सेवा की अवधि (जितने वर्षों तक नौकरी की गई)
  • अंतिम वेतन/बेसिक सैलरी
  • पेंशन योजना का प्रकार (OPS/NPS/EPS)
  • योगदान की राशि और अवधि (NPS के मामले में)

साधारण सूत्र (OPS में):

पेंशन = (अंतिम वेतन × सेवा अवधि × 1.5%)

अगर किसी कर्मचारी ने 30 साल नौकरी की और अंतिम वेतन ₹60,000 था, तो पेंशन होगी –
60,000 × 30 × 1.5% = ₹27,000 प्रतिमाह

क्या मिलेगी पर्याप्त पेंशन?

पेंशन एक स्थायी आय है, लेकिन मुद्रास्फीति (महंगाई) और स्वास्थ्य खर्चों के मुकाबले यह अक्सर अपर्याप्त साबित होती है। इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि व्यक्ति को रिटायरमेंट की योजना खुद से बनानी चाहिए:

  • NPS में निवेश करें
  • PPF, FD या म्यूचुअल फंड से रिटायरमेंट कॉर्पस बनाएं
  • स्वास्थ्य बीमा लेना न भूलें

रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन आपकी नौकरी की प्रकृति, सेवा अवधि और निवेश पर निर्भर करती है। सरकारी कर्मचारियों को अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षा मिलती है, लेकिन निजी कर्मचारियों को स्वयं योजना बनानी होती है। सही योजना, समय पर निवेश और जानकारी से आप रिटायरमेंट के बाद भी आर्थिक रूप से स्वतंत्र रह सकते हैं।

जरूरी जानकारी:
सरकार EPFO पेंशन को ₹7,500 तक बढ़ाने पर विचार कर रही है, जिससे लाखों पेंशनभोगियों को लाभ मिल सकता है। ऐसे में आने वाले समय में पेंशन से जुड़ी नीतियों में और सुधार की उम्मीद की जा सकती है।

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